सेंगोल (Sengol) क्या है? और क्या सेंगोल का इतिहास और इसका महत्व?

What is Sengol in Hindi, Sengol Meaning in Hindi :- दोस्तो अभी तक तो अपने सुन ही लिया होगा की नई संसद भवन में सेंगोल (Sengol) को रखा जाएगा, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि Sengol क्या है? और इसे नई संसद भवन में क्यों रखा जाएगा। यदि नहीं जानते हैं तो आज इस आर्टिकल में हम सेंगोल के बारे में पूरा विस्तार से बताएंगे कि सेंगोल क्या है? और सेंगोल का इतिहास क्या है? तो Sengol In New Parliament Of India के बारे मे जाने के लिए इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें,


सेंगोल क्या है? (What is Sengol in Hindi)

“सेंगोल” तमिल शब्द सेम्मई से लिया गया है, जिसका अर्थ धार्मिकता होता है सेंगोल राजदंड स्वतंत्रता का एक “महत्वपूर्ण ऐतिहासिक” प्रतीक है। अगर हम इसकी इतिहास की बात करें, तो इसे चोला साम्राज्य के दौरान जब सत्ता का हस्तांतरण होता था तब उस समय राजा सेंगोल को होने वाले उत्तराधिकारी के हाथों में सौंप देता था।

और यदि Sengol के आधुनिक इतिहास की बात की जाए , तो भारत की आजादी का एक किस्सा भी इससे जुड़ा हुआ है आजादी के दौरान भारत की स्वतंत्रता, संप्रभुता, और सत्ता हस्तांतरण के तौर पर यह Sengol को भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के हाथों में सौंपा गया था।

देवताओ द्वारा पवित्र एंव आशीर्वाद प्राप्त यह सेंगोल भारत के नए संसद भवन में Sengol स्थापना समारोह किया जाएगा जिसमें तमिलनाडु के संत गुरु आएंगे और इस Sengol को  इलाहाबाद के संग्रहालय से लाकर   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा जाएगा और भारत के नए संसद भवन में इसे स्पीकर के सीट के बगल में स्थापित किया जाएगा।


सेंगोल का मतलब क्या है? (Sengol Kya Hai)

सेंगोल, तमिलनाडु के संस्कृति के एक ऐतिहासिक राजदंड, है जिसे भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दिया गया था। जब वे पहले प्रधानमंत्री बने थे लेकिन उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सेंगोल सही सामान ना देते हुए walking stick के नाम देकर इलाहाबाद में एक संग्रहालय में रखवा दिया। जिसके बाद आज श्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में सेंगोल वापस से उसकी पहचान दी जा रही है और नए संसद भवन में उसको स्थापित किया जा रहा है।


सेंगोल का इतिहास (Sengol History in Hindi)

हम आपके जानकारी के लिए बता दे कि

सेंगोल भारत में ऐतिहासिक काल से ही है। सर्वप्रथम सेंगोल को मौर्य साम्राज्य के दौरान (322-185 ईसा पूर्व) सम्राट की शक्ति और बल के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया गया था।

प्रचीन काल में, सेंगोल का उपयोग विभिन्न साम्राज्यों जैसे गुप्त साम्राज्य में (320 से ले कर के –550 ईस्वी तक), चोल साम्राज्य में (907 से ले कर के –1310 ईस्वी तक), और अंत विजयनगर साम्राज्य (1336 से ले कर के –1946 ईस्वी तक) किया गया है। इन सब के बाद मुगल साम्राज्य के साथ साथ ब्रिटिश सरकारों ने भी सेंगोल का उपयोग अपनी शक्ति और अधिकार के प्रतीक को दर्शाने के लिए उपयोग किया।

सेंगोल का उपयोग यही तक नही रुक जब भारत को अंग्रेजों से स्वतंत्रता मिली, तो पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सेंगोल को सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में स्वीकार किया। फिर इसके बाद एक विशेष समारोह में, श्री ला श्री थम्बिरन ने सेंगोल को लॉर्ड माउंटबेटन को सौंप दिया, जिन्होंने शुद्धिकरण के बाद इसे वापस कर दिया। अंत में, स्वतंत्रता आंदोलन के दिग्गज नेताओं की उपस्थिति में जवाहरलाल नेहरू को सेंगोल दिया गया था।

तो दोस्तों कुछ इस प्रकार से सेंगोल की महत्वपूर्णता है, और यह इतिहास में एक विशेष स्थान रखता है।


Sengol In New Parliament Of India

  • हम आपके जानकारी के लिए बता दे कि सोने के कोट के साथ ही साथ चांदी से बने “सेंगोल” यानी कि ऐतिहासिक राजदंड को 28 मई को लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पास पीएम मोदी के साथ तमिलनाडु के पुजारी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला स्थापित करेंगे।
  • अधिनाम’ के कम से कम 31 सदस्य चार्टर्ड उड़ानों से दो जत्थों में चेन्नई से नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे। तारीख 28 मई को होने वाले भव्य समारोह से पहले मोदी लगभग 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर उन्हें सम्मानित करेंगे।
  • और  88 वर्षीय वुम्मिदी सुधाकर और 96 वर्षीय वुम्मिदी एथिराजुलु , मूल सेंगोल के निर्माण में शामिल दो लोगों के नए संसद भवन के उद्घाटन के भब्य समारोह में शामिल होने की उम्मीद है।
  • भारत के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि संसद सेंगोल के लिए सब से पवित्र, शुद्ध और उपयुक्त स्थान होगा, यह ‘अमृत काल’ का प्रतिबिंब होगा, जो नए भारत के गौरवशाली क्षण को दुनिया में अपना परचम लहराये एक सही स्थान लेते हुए देखेगा।

सेंगोल को किसने बनाया है?

सेंगोल को मद्रास के एक प्रसिद्ध स्वर्णकार वुम्मिदी बंगारू चेट्टी ने बवाया है। सेंगोल पर शुद्ध सोने और शुद्ध चांदी की मोटी परत चढ़ाकर बनाया गया है। सेंगोल को 10 स्वराड शिल्पकारों के एक दल ने 15 दिन के अंदर बनाकर तैयार किया है।


सेंगोल कैसे बनाया गया था?

सेंगोल तमिलनाडु के संस्कृति के एक ऐतिहासिक राजदंड, है और इस राजदंड को उत्तराधिकार को दिया जाता है। तो जब अंग्रेजी में भारत को छोड़ा तब  जवाहरलाल नेहरू पहले प्रधानमंत्री बने थे और उस वक्त सेंगोल को जवाहरलाल नेहरु को दिया गया था, इसके लिए एक समारोह का आयोजन किया गया था और उसमे जवाहरलाल नेहरु सेंगोल दिया गया।


Sengol Meaning in Hindi

सेंगोल, तमिलनाडु के संस्कृति के एक ऐतिहासिक राजदंड, है और सेंगोल का अर्थ धन और ऐतिहासिक समृद्ध है। सेंगोल उत्तराधिकार को दिया जाता है।


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FAQ,s about Sengol In New Parliament Of India

Q. सेंगोल क्या है?

सेंगोल एक राजदंड है जो चोल साम्राज्य में राज्य सत्ता का प्रतीक है और यह पारंपरिक रूप से सत्ता के हस्तांतरण के दौरान होने वाले नए उत्तराधिकारी को सौंपा जाता था।

Q. सेंगोल कैसा दिखता है?

Sengol देखने मे एक राजदंड के जैसे दिखता है और इसकी ऊंचाई 5 फीट है और यह विशेष रूप से चोल सिंहासन के नए उत्तराधिकारी के लिए बनाया गया था, यह एक औपचारिक राजदंड है जो की होने वाले उत्तराधिकार को दिया जाता है।

Q. जवाहरलाल नेहरू को सेनगोल कब दिया गया था?

जवाहरलाल नेहरू को सेनगोल तमिलनाडु के लोगों द्वारा 14 अगस्त 1947 की रात भेंट किया गया था, लेकिन उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सेंगोल सही सामान ना देते हुए walking stick के नाम देकर इलाहाबाद में एक संग्रहालय में रखवा दिया।

Q. सेंगोल को कहाँ लाया जाएगा?

सेंगोल को इलाहाबाद संग्रहालय से लाकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत के नए संसद भवन में स्थापित किया जाएगा, जो इस सेंगोल निर्धारित स्थान है।

Q. सेंगोल को किसने बनाया था?

सेंगोल को चेन्नई के रहने वाले प्रसिद्ध जौहरी वुम्मीदी बंगारू चेट्टी द्वारा बनाया गया था।

Q. सेंगोल ट्रांसफर की प्रथा किस राजवंश से जुड़ी है?

सेंगोल ट्रांसफर या स्थानांतरण की प्रथा दक्षिण भारत के एक प्रमुख राजवंश चोल वंश से जुड़ी हुई है। जिसे युग मे सेंगोल को होने वाले उत्तराधिकार को दिया जाता था।


( निष्कर्ष )

दोस्तों यदि आप इस आर्टिकल को पूरा लास्ट तक पढ़े होंगे, तो हमें उम्मीद है कि अब आप यह जान चुके होंगे कि सेंगोल क्या है? और सेंगोल का इतिहास क्या है? और आखिर क्यों इसे नई संसद भवन में रखा जाएगा? इसके अलावा इस आर्टिकल में हम लोग यह भी जाने हैं कि सेंगोल को किसने बनाया है? और सेंगोल कैसा दिखता है? तो इसी के साथ चलिए अब इस आर्टिकल को यहीं पर समाप्त करते हैं..धन्यवाद

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